T-20 वर्ल्ड कप की किस्मत से तय होगा IPL का भविष्य

T-20 वर्ल्ड कप की किस्मत से तय होगा IPL का भविष्य
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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की बुधवार को होने वाली बोर्ड सदस्यों की बैठक में ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले T-20 वर्ल्ड कप के भविष्य को लेकर गतिरोध दूर होने की उम्मीद है। इस बैठक में अगले चेयरमैन के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा भी की जा सकती है।

बोर्ड के सदस्य इस समय ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को लेकर कोई ठोस फैसला कर सकते हैं, जिस पर कोविड-19 महामारी के कारण अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के आग्रह पर 2021 के बजाए 2022 में मेजबानी करने पर सहमत हो जाएगा।

इस सवाल के जवाब में बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा, ‘पहले आईसीसी को घोषणा करने दो कि उनका इस साल के वर्ल्ड T-20 को लेकर क्या इरादा है। इस साल के टूर्नामेंट को लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।’ एक अन्य पहलू प्रसारक स्टार इंडिया है, जिसने आईपीएल और आईसीसी प्रतियोगिताओं में भी निवेश किया है। अधिकारी ने कहा, ‘स्टार भी हितधारक है। उनकी राय भी मायने रखेगी।’ ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर T20 वर्ल्ड कप स्थगित या रद्द कर दिया जाता है तो अक्तूबर-नवंबर में इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा सकता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह होगा कि क्या आईसीसी के निवर्तमान चेयरमैन शशांक मनोहर और बोर्ड उनके उत्तराधिकारी के लिए नामांकन प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा करेंगे। इस पद के लिए कई दावेदार हैं।

एक महीने पहले तक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के कोलिन ग्रेव्स सर्वसम्मत पसंद लग रहे थे और अब भी वह मुख्य दावेदार हैं, लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अहसान मनि के नाम भी इस पद के लिए उछाले जा रहे हैं, जिससे मामला दिलचस्प बन गया है।

बीसीसीआई ने हालांकि अभी तक गांगुली को उम्मीदवार बनाने का औपचारिक फैसला नहीं किया है। धूमल ने कहा, ‘जल्दबाजी क्या है। वे पहले चुनाव प्रक्रिया घोषित करें। इसके लिए समयसीमा होगी। हम सही समय पर फैसला करेंगे।’ एक अन्य मसला भारत में 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए करों में छूट से जुड़ा है।

बीसीसीआई पहले ही भारत में 2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप से संबंधित करों को लेकर लड़ाई लड़ रहा है। इसके लिए देय दो करोड़ 37 लाख डॉलर का मसला अभी विवाद समाधान समिति के दायरे में है। जहां तक आईसीसी का मामला है तो उसका मानना है कि करों में छूट को लेकर बीसीसीआई ने कोई वचनबद्धता नहीं दिखाई है, जो कि केंद्र सरकार से हरी झंडी मिले बिना संभव नहीं है। बीसीसीआई ने कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के कारण कुछ समय देने के लिए कहा है।

 

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