गौ वंश संरक्षण संघर्ष समिति शाखा कुशलगढ़ ने आज उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया

आज गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान जयपुर के निर्देशानुसार कुशलगढ़ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी विजयेश पंड्या को दिया। जिसमें राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में राज्य के निराश्रित अपंग एवं वृद्ध गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आदेश द्वारा गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 बना बनाया गया। जिसमें राज्य की पंजीकृत गौशालाओ व कांजी हाउस में आवासित, निराश्रित,अपंग एवं वृद्ध गौ वंश पालन -पोषण हेतु सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है।वर्तमान में प्रदेश में पंजीकृत और अपंजिकृत लगभग 3500 गौ शालाये हैं। जिनमें से लगभग 1980 गौशालाओं को एक ही वित्तीय वर्ष में 180 दिन की ही सहायता के तहत बड़े गौ वंश का रू 40 और छोटे गौ वंश का ₹20 प्रति गौ वंश के हिसाब से राशि दी जा रही है।शेष दिनों की व्यवस्थाये गौ शालाये स्वयं कर रही है।
वर्तमान सरकार द्वारा राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1988(1999 का अधिनियम सं 14) की धारा 3 ख के अधीन संग्रहित अधिभार से प्राप्त राशि जो कि गाय और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही उपयोग की जाएगी में संशोधन किया गया है जिसमें राशि का उपयोग सूखा, बाढ़, महामारी, लोक स्वास्थ्य अत्यावश्यकताओ, अग्नि इत्यादि जैसी प्राकृतिक मानव निर्मित आपदाओं के शमन के प्रयोजनो के लिए भी किया जाएगा। गोवंश संरक्षण समिति का कहना है कि राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988(1999 का अधिनियम सं 14) में किए गए संशोधन को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए और वर्तमान में लगभग 1980 पंजीकृत गौशालाओं को सहायता राशि मिल रही है अतः 200 गौ वंश की बाध्यता समाप्त कर राजस्थान राज्य में पंजीकृत सभी छोटी-बड़ी गौशालाओं को सहायता राशि दी जावे।
वर्तमान में प्रति गौ वंश दि जा रही राशि( बड़ा गौ वंश 40 एवं छोटा गो वंश लिए 20) में बढ़ोतरी की जाए और एक वित्तीय वर्ष में 180 दिन के स्थान पर 365 दिन की सहायता दी जावे । लोक हीतकारी राज्य सरकार को आपदा प्रबंधन के लिए चिंता करनी ही चाहिए और उसके लिए राशि की व्यवस्था भी करनी चाहिए । परंतु गौ वंश के मुंह का निवाला छीन कर आपदा प्रबंध के लिए राशि की व्यवस्था करना न्याय संगत भी नहीं है और प्राकृतिक सत्य के विरुद्ध है ।ज्ञापन उपखंड अधिकारी को देने वाले में नर्सिंहगीरी के नेतृत्व में महेश अग्रवाल,हेमेंद्र पंड्या हर्षवर्धन पंड्या,कमलेश कावड़िया,राजेश भाटिया, जातुसिंह, बहादुरसिंह,महेश मईडा आदि उपस्थित थे।
अरुण जोशी (कुशलगढ़)