सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं- खड़िया

सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं- खड़िया
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कुशलगढ़ के गांधी चौक स्थित गांधीजी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद विधायक रमिला खड़िया ने कहा की भारत में हर वर्ष 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। यानी देश इस बार गांधीजी की 151वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। गांधी जयंती के दिन स्कूल, कॉलेजों में वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है।

प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री सादगी व महानता की प्रतिमूर्ति थे। उनका जन्म रामनगर में मुंशी शारदा प्रसाद के यहां 2 अक्टूबर, 1904 को हुआ था। उनकी पहचान उनके सादा जीवन और उच्च विचार के कारण थी। उनके जीवन से जुड़े अनेक प्रसंग हम सबके लिए प्रेरणादायक हैं इस अवसर पर कुशलगढ़ एसडीएम विज्येश पंड्या ने कहा कि कोराना वायरस महामारी के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ऐसे में काफी स्कूलों और कॉलेजों में ऑनलाइन मोड से निबंध लेखन प्रतियोगिताएं हो रही हैं। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगा। महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। गांधीजी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।

महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।

गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे। साथियों! यह बात सही है कि हम सभी गांधीजी का काफी सम्मान करते हैं। लेकिन उनके सपने तो सभी पूरे होंगे जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शों पर चलेंगे।

तो आज के दिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन उतारने का संकल्प लेना चाहिए।माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करने में कुशलगढ़ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जयंतीलाल कोवालीया, पीसीसी सदस्य हसमूखलाल सेठ, पूर्व नगरपालिका चेयरमैन राघवेश चरपोटा,पूर्व ब्लाक अध्यक्ष रजनीकांत खाब्या अशोक श्रिमार, राजूभाई प्रजापत,पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष तिलोत्तमा पंड्या, युवा कॉन्ग्रेस नगर अध्यक्ष महेंद्र सिंह परमार कुशलगढ़ विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष महेश कटारा दिव्या पंड्या आदि मौजूद थे। भारतीय जनता पार्टी के कमलेश टेलर,नरेश गादिया, दिलीप टेलर रामकिशन मकवाना ने भी माल्यार्पण किया।

अरुण जोशी (कुशलगढ़)

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Arunkumar Joshi

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