एमएसएमई ने की लोन मोरेटोरियम की मांग

देश के कई राज्यों में साप्ताहिक लॉकडाउन और सख्त पाबंदियों को देखते हुए सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई) ने एक बार फिर से लोन मोरेटोरियम की मांग करने लगे हैं। सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग से जुड़े कई एसोसिएशन वित्त मंत्रालय को पत्र लिखने की तैयारी में हैं। एमएसएमई का कहना है कि देश के 10 राज्यों में लॉकडाउन जैसी स्थिति है ऐसे में बिके हुए सामान का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से उनके पास पूंजी की कमी हो गई है। ऐसी स्थिति में उन्हें बैंकों के कर्ज चुकाने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता होगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल मीडियम इंटरप्राइजेज (फिस्मे) के महासचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि जो हालात बन रहे हैं उसे देखते हुए एमएसएमई को हर हाल में लोन मोरेटोरियम दिए जाने की जरूरत है।
एसोसिएशन ने बताया कि सरकार की ओर से अगर उन्हें मदद नहीं मिली तो अधिकांश एमएसएमई एनपीए कैटेगरी में आ जाएंगे। खाता एनपीए होने के बाद एमएसएमई को आगे के लिए लोन लेना मुश्किल हो जाएगा और उनकी साख खराब हो जाती है। वहीं वित्त मंत्रालय ने जल्द ही फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल मीडियम इंटरप्राइजेज से मिलने का संकेत दिया है। बता दें कि पिछले साल कोरोना के कारण सरकार ने एमएसएमई सेक्टरों को छह महीने का लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी।