बिटक्वाइन कैसे बना क्रिप्टोकरेंसी की पहचान

अगर कोई आपसे यह कहे कि साल 2010 में अगर आपने महज 3.6 रुपये का निवेश किया होता तो 11 साल बाद यानी कि आज की तारीख में आप 46.50 लाख रुपये के मालिक होते। पिछले 11 साल के दौरान बिटक्वाइन के दाम में आई तेजी इस बात को पूरी तरह साबित करती है। अमर उजाला की खास सीरीज ‘कहानी क्रिप्टो की’ की दूसरी कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं कि बिटक्वाइन कैसे क्रिप्टोकरेंसी की पहचान बना और पिछले 11 साल के दौरान बिटक्वाइन में आए इस उछाल से रूबरू करा रहे हैं।
क्रिप्टो की कहानी में आगे बढ़ने और बिटक्वाइन की वर्तमान कीमतों से रूबरू होने से पहले वर्चुअल दुनिया की करेंसी से जान-पहचान कर लेते हैं। दरअसल, बिटक्वाइन का चलन 2009 में शुरू हुआ था। उस वक्त इसकी कीमत शून्य डॉलर थी, जो 2010 की शुरुआत में 0.08 डॉलर हो गई और आज इसके दाम 62 हजार डॉलर से ज्यादा हैं। बिटक्वाइन वर्चुअल करेंसी है। दुनिया के कई देशों में आज भी इसका इस्तेमाल गैरकानूनी है, लेकिन अन्य मुद्राओं डॉलर, रुपये या पाउंड की तरह लेन-देन में बिटक्वाइन का इस्तेमाल होने लगा है। दुनियाभर के कई बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेन-देन बिटक्वाइन में कर रही हैं।
आप बिटक्वाइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटक्वाइन वॉलेट में रख सकते हैं। इससे आपका पहला बिटक्वाइन एड्रेस बनेगा। जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं। यहां से आप मान्य जगहों पर बिटक्वाइन से पेमेंट भी कर सकते हैं। अब एंड्रॉयड प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर ऐसे तमाम एप्लिकेशन हैं, जहां आप आसानी से कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं।