रिटर्न भरते समय न भूलें टैक्स छूट के चार विकल्प

बैंकों से लिया कर्ज वैसे तो आपकी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए होता है, लेकिन आयकर नियमों के तहत कुछ खास परिस्थितियों में इस पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। बैंकों से मिलने वाले सभी तरह के लोन पर टैक्स में छूट ली जा सकती है।
एजुकेशन लोन : ब्याज पर आठ साल तक टैक्स छूट
क्लियरटैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता बताते हैं कि उच्च शिक्षा कर्ज पर चुकाए ब्याज पर आयकर की धारा 80ई के तहत टैक्स छूट का लाभ दिया जाता है। आईटीआर में डिडक्शन के लिए उसी साल से दावा कर सकते हैं, जब कर्ज पर ब्याज चुकाना शुरू किया है। इसके बाद लगातार सात साल या पूरा ब्याज चुकता होने (दोनों में जो पहले हो) तक इसका फायदा उठाया जा सकता है। यानी उच्च शिक्षा कर्ज के ब्याज पर अधिकतम आठ साल तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। आयकर विभाग इसका लाभ न सिर्फ खुद के लिए कर्ज पर देता है, बल्कि अपने संबंधी के लिए शिक्षा कर्ज पर भी टैक्स छूट देता है। हालांकि, इसमें छूट के लिए ब्याज की अधिकतम सीमा तय नहीं है, लेकिन कर्ज के मूल पर रियायत नहीं दी जाती है।
होम लोन : ब्याज व मूल दोनों पर मिलती है रियायत
मकान खरीदने के लिए होम लोन पर चुकाए ब्याज और मूल दोनों पर ही आयकर रियायत का लाभ मिलता है। आयकर की धारा 24(बी) के तहत हर साल चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं।
इसके अलावा कर्ज पर चुकाए गए ब्याज पर भी धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक रियायत मिलती है। कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपये की कर छूट होम लोन पर ली जा सकती है। पहली बार मकान खरीदने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत धारा 80ईईए में अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ भी दिया जाता है, जो 1.5 लाख रुपये हो सकता है। इस होम लोन पर अलग-अलग धाराओं में छूट का दावा कर सकते हैं।
पर्सनल लोन : दो तरह से मिलेगा लाभ
अमूमन पर्सनल लोन पर प्रत्यक्ष तौर पर टैक्स छूट का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल कारोबार या मकान की मरम्मत में किया जाता है तो आयकर विभाग छूट का लाभ देता है। आयकर की धारा 43बी के तहत कारोबार में इस्तेमाल किए गए पर्सनल लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। इसी तरह, मकान की मरम्मत या रेनोवेशन में इस्तेमाल पर्सनल लोन पर भी धारा 24(बी) के तहत आयकर रियायत ली जा सकती है।