इमरान ने छोड़ा राष्ट्रपति ढंग की प्रणाली का शिगूफा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने हाल में एक नया शिगूफा उछाला है। पार्टी ने देश में संसदीय ढंग की शासन प्रणाली की जगह राष्ट्रपति ढंग की प्रणाली लागू करने की मांग उठाई है। लेकिन इस मुद्दे पर चल रही बहस के बीच पीटीआई अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है। विपक्षी दलों ने शासन प्रणाली में बदलाव की किसी मंशा का विरोध करने का अपना इरादा जता दिया है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने तो इसे एक ‘हास्यास्पद विचार और सरकार की नाकामियों को छिपाने के लिए शुरू किया गया ड्रामा’ करार दिया है। पार्टी ने कहा है कि अब पाकिस्तान में राष्ट्रपति ढंग की शासन प्रणाली के लिए कोई जगह नहीं है और ऐसे किसी प्रयोग की अब इजाजत नहीं दी जाएगी। पार्टी की नेता शाजिया मारी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ने सैनिक वर्दी वाले चार राष्ट्रपतियों के तहत भारी नुकसान सहा है। उन्होंने कहा कि अगर इमरान खान नाकाम हो गए हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मौजूदा सिस्टम फेल हो गया है।
इस बीच विपक्षी दलों की नई गोलबंदी के संकेत हैं। साथ ही विपक्ष ने अब लोगों की बढ़ती मुश्किलों के बीच सड़क पर उतर कर आंदोलन करने का मन बना लिया है। पीपीपी ने एलान किया है कि वह इमरान खान की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ अगले 27 फरवरी को देश भर में जुलूस निकालेगी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पीपीपी को उम्मीद है कि इस आंदोलन में उसे दूसरे विपक्षी दलों का भी साथ मिलेगा।