अब सफाई देने में जुटी नेपाल सरकार

यूक्रेन विवाद में संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान करने के बाद अब नेपाल सरकार यह सफाई देने में जुट गई है कि इस मसले में उसने किसी का पक्ष नहीं लिया है। हाल में पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा और बाद में संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद की बैठकों में नेपाल ने रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों का समर्थन किया था। इसे इस बात का संकेत समझा गया कि नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार अब अमेरिकी पाले में चली गई है। इसके पहले नेपाल सरकार ने तमाम विरोध को दरकिनार कर अमेरिकी संस्था मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) से 50 करोड़ डॉलर की सहायता लेने से संबंधित अनुमोदन प्रस्ताव को संसद में पारित कराया था।
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने अब कहा है कि नेपाल हमेशा ही विश्व शांति के पक्ष में रहा है। वह छोटे देशों की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता का समर्थन करता है। चूंकि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, इसीलिए नेपाल ने उसके खिलाफ लाए गए प्रस्तावों का समर्थन किया है। पर्यवेक्षकों ने खड़का के इस बयान को महत्त्वपूर्ण बताया है। उनके मुताबिक पिछले साल 22 सितंबर को विदेश मंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है, जब खड़का ने प्रेस कांफ्रेंस की।