तेलंगाना में बंधक बनाए गए मजदूरों को लेकर याचिका पर कोर्ट ने ठेकेदार से मांगा जवाब

बिलासपुर के मस्तूरी में रहने वाले 67 मजदूरों को तेलंगाना ले जाकर बंधुआ मजदूर के रूप में बंधक बनाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक कमल सुबोध ने हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका लगाई थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ईंट भठ्ठे के मालिक से जवाब मांगा है। पिछले सुनवाई में शासन का जवाब प्रस्तुत हुआ था जिसमे कहा गया कि जानकारी मिलने पर उन्हें छुड़ा लिया गया है। इस मामले में शासन के जवाब पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रजनी सोरेन की ओर से तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि मजदूरों को आकर्षक वेतन देने के बहाने तेलंगाना ले जाया गया था। पर उन्हें वहां ले जाने के बाद उनके साथ मारपीट की जा रही थी, उन्हें अपने परिवार से सम्पर्क नहीं करने दिया जा रहा था और उन्हें बंधक बना लिया गया था। उनमें से ही कुछ मजदूर युवक 5 महीने पहले वहां से भागकर आए थे। शासन की ओर से कहा जा रहा है कि उन्हें छुड़ा लिया गया है। पर उन छुड़ाए गए मजदूरों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए और दोषियों के पर आपराधिक प्रकरण चलना चाहिए। मजदूरों के बंधक बनाए जाने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मजदूरों को आकर्षक वेतन देने का लालच दे कर उन्हें दूसरे प्रदेशों में ले जाया गया है। जानकारों के मुताबिक मनरेगा में सही काम न मिलने के कारण मजदूर दूसरे प्रदेशों में पलायन करने पर मजबूर हो रहे है। योजना तो अच्छी है पर योजना के संचालन में लगातार गड़बड़ी उजागर होता रहा है।