यदि गलत वीसीआर भरने का मामला सामने आया तो जांच करवाई की जाएगी

ऊर्जा मंत्री श्री बुलाकी दास कल्ला ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में बताया कि यदि कहीं पर गलत वीसीआर भरने का कोई मामला सामने आएगा तो उसकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में कुल वीसीआर 35 हजार 297 भरी गई थीं और वर्ष 2019-20 में जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में मिलाकर अब तक 24 हजार 216 मामले पकड़े गए हैं। इनके आधार पर बिजली चोरी पर रोक लगी है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में वीसीआर भरी गई हैं और बिजली चोरी पकड़ी गई है, वहां पर छीजत धीरे-धीरे कम हो रही है। श्री कल्ला ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि विद्युत निगम द्वारा सतर्कता जांच के लिए अधिकृत अधिकारी कार्य करते हैं। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता), संबंधित अधिशाषी अभियंता अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर जाकर जांच करते हैं। उन्होंने बताया कि मीटर के साथ छेड़छाड़, झंपर डालकर बिजली चोरी, उपकरण लगाकर मीटर के साथ छेड़छाड़, निर्धारित लोड से ज्यादा लोड का इस्तेमाल या घरेलू कनेक्शन के वाणिज्यिक इस्तेमाल की कोई शिकायत होने पर विजिलेंस टीम मौके पर जाकर वीसीआर भरती है। उन्होंने बताया कि यदि किसी को वीसीआर में कोई शिकायत हो तो उसके लिए सक्षम स्तर पर वीसीआर व्यू एंड मॉनिटरिंग कमेटी बनी हुई है। इसके आधार पर सहायक अभियंता 10 हजार रुपए के मामले सुनता है, अधिशाषी अभियंता 25 हजार रुपए और अधीक्षण अभियंता 3 लाख रुपए तक के मामलों को सुनता है। इससे ऊपर की राशि के मामले की कॉर्पोरेट स्तर पर सुनवाई होती है और मामले का निपटारा किया जाता है। इससे पहले विधायक श्री रूपा राम के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि विद्युत चोरी, विद्युत दुरुपयोग की शिकायत के पश्चात मीटर की जांच एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके लिए निगम के प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सतत सतर्कता जांच की जाती है। सतर्कता जांच के दौरान किसी भी परिसर/स्थल में चोरी/दुरूपयोग का मामला पाया जाता है, तो चौकिंग अधिकारी द्वारा मौके पर साक्ष्य लिए जाकर संबंधित उपभोक्ता/व्यक्ति के विरुद्ध विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अन्तर्गत वीसीआर भरी जाती है और उसके विरुद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है।