फैक्टि्रयों से प्रदूषण की शिकायत आने पर जांच करवाई जाएगी – उद्योग मंत्री

फैक्टि्रयों से प्रदूषण की शिकायत आने पर जांच करवाई जाएगी – उद्योग मंत्री
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उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल ने सोमवार को राज्य विधान सभा में बताया कि उदयपुर के मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टि्रयों से प्रदूषण की शिकायत आने पर जांच करवाई जाएगी। अगर कहीं पर कोई फैक्ट्री प्रदूषण कर रही है तो उद्योग विभाग द्वारा दुबारा सभी फैक्टि्रयों की जांच करवा ली जाएगी। श्री उद्योग मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि वर्तमान सरकार ने मादडी औद्योगिक क्षेत्र में न तो किसी उद्योग को बंद किया है और न ही शुरू किया है। पूर्ववर्ती सरकार के समय में ही मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टि्रयां बंद की गई थीं और सिस्टम ठीक करने, मानक सही पाए जाने व रिपोर्ट सही आने पर फैक्टि्रयां पुनः चालू कर दी गई।  उन्होंने बताया कि मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में मैसर्स नाहर मिनरल्स एंड केमिकल 12 अप्रेल, 2016 को बंद की गई और मानक सही पाए जाने पर और रिपोर्ट सही आने पर 31 जुलाई, 2018 को पुनः शुरू की गई। इसी तरह मैसर्स महालक्ष्मी केमिकल्स 17 जून, 2016 को बंद की गई और मानक सही पाए जाने पर और रिपोर्ट सही आने पर 7 अगस्त, 2018 को पुनः शुरू की गई। इससे पहले विधायक श्री फूल सिंह मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र, उदयपुर में विभिन्न प्रकार के कुल 30 केमिकल उद्योग चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मैसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (पूर्व में मैसर्स लिबर्टी फॅास्फेट) के नाम से खाद बनाने का उद्योग एफ-227, मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र, उदयपुर में कार्यरत है। इस उद्योग द्वारा जनित उच्छिष्ट को पुनः चक्रित कर प्रसंस्करण में उपयोग में लिया जाता है। उद्योग शून्य निस्त्राव पर आधारित है। उन्होंने बताया कि उद्योग द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्क्रबर, साइक्लोन एवं उचित ऊंचाई की चिमनी की व्यथवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा 11 फरवरी, 2019 एवं 13 फरवरी, 2019 को की गई जांच के दौरान उद्योग से उत्सर्जित वायु प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि उक्त उद्योग में केन्द्रीय एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना में उद्योग से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषक तत्वों की मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन सेंसर लगे हैं। उन्होंने बताया कि उद्योग में शून्य निस्त्राव की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन फ्लोमीटर एवं कैमरा स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि सेंसर, ऑनलाइन फ्लोमीटर एवं कैमरा राज्य एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सर्वर से जुड़े हुए हैं।उद्योग मंत्री ने बताया कि गत छह माह में ऑनलान मॉनिटरिंग के नतीजों और 11 फरवरी, 2019 एवं 13 फरवरी, 2019 को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा की गई जांचों के नतीजों के अनुसार प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों में हैं। इसलिए ग्राम बैड वास का पर्यावरण उक्त उद्योग के कारण प्रदूषित होना संभावित नहीं है। उन्होंने बताया कि मक्का, ज्वार, चरी और कुछ क्षेत्र में सब्जियां तथा रबी मौसम में गेहूं, जौ और कुछ क्षेत्र में रंजका आदि फसलें ली जाती हैं। इन बोई गई फसलों की वृद्धि एवं उत्पादकता सामान्य पाई गई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा विगत 3 वर्षों में मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र, उदयपुर में 12 केमिकल उद्योगों के विरुद्ध बंद करने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मैसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड के विरूद्ध बंद करने के लिए कार्यवाही की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि उक्त उद्योग के द्वारा जनित उच्छिष्ट को पुनः चक्रित कर प्रसंस्करण में उपयोग में लिया जाता है एवं उद्योग शून्य निस्त्राव पर आधारित है। उद्योग द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्क्रबर, साइक्लोन एवं उचित उंचाई की चिमनी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा विगत 3 वर्षों में किये गए निरीक्षणों एवं जांच के दौरान उद्योग से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए गए और उद्योग शून्य् निस्त्राव की अनुपालना करता हुआ पाया गया।
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