पूरे प्रदेश में आवश्कतानुसार पूर्व प्राथमिक शिक्षक लगाये जायेंगे

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्री स्कूल शिक्षा के लिए पूरे प्रदेश में आवश्कतानुसार पूर्व प्राथमिक शिक्षक लगाने के प्रयास किये जायेंगे। श्रीमती भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्री स्कूल शिक्षा के लिए 2 हजार 500 पूर्व प्राथमिक शिक्षक (एनटीटी) लगाये है, जिनमें वर्तमान एक हजार 500 शिक्षक कार्यरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पूर्व प्राथमिक शिक्षक लगाने की मांग आ रही है। उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हएु कहा कि यह सही है कि वर्तमान में एनटीटी टीचर्स की कमी है, लेकिन हम शीघ्र ही भर्ती कर पूरे प्रदेश में एवं मावली विधानसभा क्षेत्र में आवश्यकतानुसार पूर्व प्राथमिक शिक्षक लगाने के प्रयास करेंगे। इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री ने विधायक श्री धर्मनारायण जोशी के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि विधानसभा क्षेत्र मावली के अन्तर्गत 3 परियोजनाऎं मावली, गिर्वा एवं बड़गांव संचालित हैं। विधानसभा क्षेत्र मावली के अन्तर्गत 241 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं तथा परियोजना मावली में 182, गिर्वा में 33 तथा बड़गांव में 26 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं और उक्त सभी में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उन्होंने इस संबंध में विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होेंने बताया कि मावली विधानसभा क्षेत्र में नन्दघर योजना के अन्तर्गत 79 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए औद्योगिक इकाई, प्रतिष्ठान एवं भामाशाहों से एमओयू किया गया है। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रवार सूची सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि उक्त समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण विभागीय दिशा निर्देशानुसार विभाग के उच्च अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षकों द्वारा समय-समय पर किया जाता है। उन्होंने विगत वर्ष में किये गये निरीक्षणों की सूची भी सदन के पटल पर रखी। श्रीमती भूपेश ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर प्रति बालक प्रतिदिन पूरक पोषाहार पर होने वाले व्यय का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सर्वप्रथम स्वयं सहायता समूहों से आपूर्तित गर्म पूरक पोषाहार को प्रथम दृष्टया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा चख कर लाभार्थियों को वितरित किया जाता है।उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रत्येक सेक्टर से प्रतिमाह रेण्डम आधार पर एक केन्द्र से पोषाहार का सेम्पल लेकर अधिकृत प्रयोगशाला से पूरक पोषाहार की गुणवत्ता की जांच कराई जाती है। उन्होंने इस संबंध में विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि उक्त पोषाहार का निरीक्षण महिला पर्यवेक्षकों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित यात्रा कार्यक्रम अनुसार किया जाता है