जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव ने की स्मार्ट सिटी एवं अमृत प्रोजेक्ट्स के कार्यों की समीक्षा

जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री संदीप वर्मा ने कहा है कि प्रदेश में स्मार्ट सिटी एवं अमृत प्रोजेक्ट्स में चल रही विभागीय परियोजनाओं की क्रियान्विति में किसी अंतरविभागीय (इंटर डिपार्टमेंटल) इश्यूज की वजह से देरी होती है, तो प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। श्री वर्मा ने शासन सचिवालय में बुधवार को प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में संचालित स्मार्ट सिटी व अमृत प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश जारी किए। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के सभी 22 शहरों की परियोजनाओं के अधीक्षण एवं अधिशाषी अभियंताओं को इस बात के लिए पाबंद किया जाए कि उनके क्षेत्र में चल रहे प्रोजेक्ट्स में रेलवे, मिलिट्री, जिला प्रशासन, नगरीय निकाय, सार्वजनिक निर्माण विभाग या विद्युत वितरण कम्पनियों आदि से जुड़े कोई इश्यूज प्रगति में बाधा नहीं बने। अधिकारी ऎसे इश्यूज की व्यक्तिशः माॅनिटरिंग करे और सम्बंधित एजेंसीज से सतत सम्र्पक और समन्वय रखते हुए उनका समाधान कराए। प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि प्रायः यह देखा गया है कि अधिकारी प्रोजेक्ट्स से सम्बंधित अपनी प्रगति रिर्पोट में यह अंकित कर भेज देते है कि कोई भी अंतरविभागीय इश्यू लम्बित नहीं है। लेकिन बाद में प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में देरी होने पर पता लगता है कि इसका कारण इंटरडिपार्टमेंटल मुद्दों का समय पर समाधान नहीं होना है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर किसी मुद्दे का हल नहीं निकल सकने की स्थिति में उन्हें उच्च स्तर पर ध्यान में लाया जाए। इसको लेकर किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरते, अन्यथा जिम्मेदारी तय करते हुए सम्बंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। श्री वर्मा ने अजमेर में स्मार्ट सिटी एवं अमृत योजना में स्वीकृत 103 करोड़ के प्रोजेक्ट में दो स्थानों पर पानी की टंकी बनाने के लिए रेलवे और मिलिट्री स्कूल से जमीन लेने के मामलों का सम्बंधित एजेंसीज से समन्वय स्थापित कर शीघ्रातिशीघ्र हल निकालने के निर्देश दिए। ये मामले करीब डेढ़ वर्ष से लम्बित है। उन्होंने बैठक में बारी-बारी से अमृत प्रोजेक्ट के तहत ब्यावर, भीलवाड़ा, नागौर, अलवर, भिवाड़ी, गंगापुर सिटी, धौलपुर, बारां, बूंदी, सीकर, सुजानगढ़, चूरू, झालावाड़, सवाई माधोपुर, चितौड़गढ़, हिण्डौन सिटी, भरतपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, जयपुर व अजमेर में चल रही पेयजल परियोजनाओं में स्वीकृत राशि, बकाया कार्य पूर्णता और उपयोगिता प्रमाण पत्र और भुगतान की स्थिति की जानकारी लेते हुए प्रगति की समीक्षा की। बैठक में मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री आई. डी. खान एवं वित्तीय सलाहकार श्री ललित वर्मा के अलावा अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।