बाजवा के आरोप निराधार : कैप्टन

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बरगाड़ी बेअदबी केस सी.बी.आई. से वापस लेने संबंधी संवेदनशील मामले में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा की ओर से एडवोकेट जनरल (ए.जी.) कार्यालय पर राज्य सरकार और विधानसभा को गुमराह करने के लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार दिया है। इस बारे में कैप्टन सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि या तो बाजवा इस मामले से अनजान है या फिर जानबूझ कर शरारत की गई है। सी.बी.आई. केस वापस लेने के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला पिछले साल विधानसभ सत्र के दौरान सदन ने सर्वसम्मति से लिया था जो मैरिट के आधार पर तथा एडवोकेट जनरल कार्यालय की सिफारशों के अनुसार था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय एजेंसी से केस वापस लेने सम्बन्धी प्रस्ताव सदन में लाने से पहले ए.जी. कार्यालय की सलाह मांगी थी। ए.जी. की सिफारशें या रिपोर्ट को सदन में पेश नहीं किया गया था बल्कि इस मामले में सहमति के आधार पर फैसला लिया गया था। बाजवा को इसका कोई ज्ञान या जानकारी नहीं। इसलिए उनके आरोप निराधार तथा बेबुनियाद हैं। कैप्टन सिंह ने कहा कि बाजवा ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले की जांच की जरूरत नहीं समझी जबकि सी.बी.आई. से केस वापस लेने संबंधी राज्य सरकार के फैसले की कानूनी हैसियत को अदालत ने भी कायम रखा। उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी, 2018 को दिए फैसले में सी.बी.आई से जांच वापस लेने में राज्य सरकार की कार्यवाही की कानूनी हैसियत को कायम रखा था और एस.आई.टी. में भरोसा जाहिर किया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि सी.बी.आई. ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी। इस कारण इस कार्यवाही की कानूनी हैसियत के सम्बन्ध में अब कोई सवाल पैदा नहीं होता। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बेअदबी मामलों की जांच के लिए कायम की एस.आई.टी. के द्वारा इस मामले को कानूनी निष्कर्ष पर पहुंचाने और दोषियों के लिए सख्त कानूनी सजा यकीनी बनाने के लिए आगे ले जाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी टिप्पणियों से न्याय के हित प्रभावित होंगे। उन्होंने लोगों से ऐसी निराधार बयानबाजी नहीं करने का आग्रह किया।