भारत से बड़े पैमाने पर रूस को हो सकता है लेदर व फुटवियर का निर्यात

भारत से बड़े पैमाने पर रूस को हो सकता है लेदर व फुटवियर का निर्यात
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नई दिल्ली
देश के लेदर और फुटवियर उद्योग के लिए रूस में निर्यात के बेशुमार अवसर हैं। काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (सीएलई) के चेयरमैन पनारुना अकील अहमद ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने 2018 में 3.9 अरब डॉलर मूल्य के लेदर और फुटवियर का आयात किया था। इस दौरान भारत ने रूस को महज5.26 करोड़ डॉलर का ही निर्यात किया। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि घरेलू कंपनियों के लिए रूस के बाजार में निर्यात करने के बेशुमार अवसर हैं। यह निर्यात में दहाई अंकों की विकास दर हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रूस लेदर, लेदर उत्पाद और फुटवियर का 13वां सबसे बड़ा आयातक है। उन्होंने कहा कि रूस के बाजार में प्रवेश हासिल करने के लिए काउंसिल मोसशूज जैसे मेलों में हिस्सा लेने पर तो विचार कर रहा है। साथ ही काउंसिल रूस के व्यापार संगठनों से तालमेल भी बना रहा है।रूस के संगठनों को भारत में रिवर्स बायर-सेलर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। चेयरमैन ने पिछले सप्ताह एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मास्को में मोसशूज मेले में शिरकत की थी। प्रतिनिधिमंडल में भारत के 24 अग्रणी लेदर उत्पाद और फुटवियर निर्यातक शामिल थे। मोसशूज फुटवियर और लेदर प्रोडक्ट्स की सबसे बड़ी प्रदर्शनी है। इस मेले में दुनियाभर के 1,000 से अधिक ब्रांड हिस्सा लेते हैं। 2018-19 में भारत ने कुल 5.7 अरब डॉलर के लेदर व फुटवियर उत्पादों का निर्यात किया। अभी भारत से मुख्यत: यूरोप और अमेरिका में लेदर व फुटवियर उत्पादों का निर्यात हो रहा है। इस सेक्टर में करीब 42 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

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