मैनेजर को अगवा कर 45 लाख फिरौती वसूलने को हावड़ा आए थे उग्रवादी

कोलकाता
पिछले सप्ताह महानगर से सटे हावड़ा जिले के गोलाबाड़ी इलाके से मणिपुर के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के चार सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी। उन लोगों के पास 34 लाख से अधिक रुपये मिले थे। गिरफ्तारी के दो दिन बाद जांच में पता चला है कि असल में बंगाल का एक व्यक्ति प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में मणिपुर में कार्यरत था। उन्हें उग्रवादी संगठन जूलियागॉन्ग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) ने अगवा कर लिया और 45 लाख रुपये फिरौती मांगी। इसके बाद उक्त संगठन के सदस्य रुपये हावड़ा में उनके साथी को सौंपने को कहा।
इस दौरान सौदेबाजी हुई और आखिर में अपहृत के परिजनों ने 35 लाख रुपये देने को तैयार हो गए। हावड़ा में उन्हें रुपये दिया गया तो इन लोगों ने मणिपुर में अपने साथियों को फोन किया इसके बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया। उग्रवादी समूह के सदस्यों ने 19 फरवरी को मणिपुर के नोने जिले में निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट प्रबंधक अभिजीत धर को अगवा कर लिया था। अभिजीत मूल रुप से हावड़ा से सटे हुगली जिले का रहने वाला है। गिरफ्तार उग्रवादियों ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया है कि इसके बाद अभिजीत के घरवालों से फिरौती के लिए 45 लाख रुपये की मांग की गई थी।
अपहरणकर्ताओं और अपहृत के परिजनों से बातचीत हुई और 35 लाख में सौदा तय हुआ। इसके बाद उग्रवादी संगठन के चार सदस्य फिरौती लेने के लिए हावड़ा के गोलाबारी इलाके में आए। जहां शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया।इन उग्रवादियों के बारे में भी एसटीएफ को शायद ही पता चलता।
एक अन्य सूचना के आधार पर एसटीएफ ने गुरुवार की शाम को असम के एक निवासी को धर्मतल्ला बस स्टैंड से 1.5 लाख के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। उसने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि मणिपुर के चार उग्रवादी हावड़ा के गोलाबाड़ी क्षेत्र में हैं। वे लोग हुगली के रहने वाले अभिजीत धर अपहरण कांड में संलिप्त है। इसकी जानकारी के बाद एसटीएफ ने गोलाबाड़ी इलाके में तलाशी ली। उक्त उग्रवादी संगठन के चार सदस्यों को दबोच लिया।