यासीन मलिक और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय, रुबिया सईद अपहरण मामले में फैसला अभी बाकी

यासीन मलिक और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय, रुबिया सईद अपहरण मामले में फैसला अभी बाकी
Spread the love

जम्मू

भारतीय वायुसेना के अधिकारी रवि खन्ना और 1990 में तीन अन्य लोगों की हत्या के मामले में यासीन मलिक और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम) अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। 25 जनवरी 1990 की सुबह साढ़े सात बजे रावलपोरा में एयरफोर्स अधिकारी गाड़ी के इंतजार में सनत नगर क्रॉसिंग पर खड़े थे। अचानक आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इसमें महिला समेत 40 एयरफोर्स अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जबकि तीन अधिकारी मौके पर शहीद हो गए और दो अन्य ने बाद में दम तोड़ दिया था।

इसके बाद तत्कालीन सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी। सीबीआइ जांच में साबित हुआ कि आरोपित शौकत अहमद बख्शी अप्रैल-मई 1989 और सितंबर-अक्टूबर 1989 में पाकिस्तान गया। वहां उसने आतंकी सरगना अमानुल्लाह खान के साथ बैठक कीं, जिसमें यह तय हुआ कि कश्मीर में अस्थिरता व दहशत फैलाने के लिए वहां तैनात एयरफोर्स अधिकारियों व अन्य सुरक्षाबलों पर हमले किए जाएं।

वापस आने पर शौकत ने यासीन, जावेद अहमद मीर, मुश्ताक अहमद, नाना जी, मुहम्मद रफीक डार, मंजूर अहमद, जावेद अहमद व अन्य के साथ बैठक कर सुरक्षाबलों पर हमला करने की साजिश रची थी। हमले को अंजाम देने के लिए लिए इन्होंने एक कार खरीदी। 25 जनवरी सुबह करीब साढ़े सात बजे यासीन व जावेद मोटरसाइकिल पर हथियार लेकर निकले। हथियारों से लैस नाना जी, मुश्तफा, शौकत बख्शी व मुहम्मद रफीक डार कार में निकले।

सनत नगर रोड पर टैंकर के पीछे कार खड़ी कर दी। यासीन व जावेद ने गाड़ी का इंतजार कर रहे एयरफोर्स अधिकारियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। एयरफोर्स अधिकारी एमएल नथियान, यूएस रजवार, एससी गुप्ता, वीके शर्मा, ए अहमद, वीयू शेखर व बीएस धोनी को गोलियां लगीं। ए अहमद, वीयू शेखर व बीएस धोनी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। सीबीआइ सभी आरोप साबित करने में कामयाब रही। आरोप साबित करने के लिए सीबीआइ ने कई सुबूत व गवाह पेश किए।

कई अन्य आरोपितों को सरकारी गवाह बनाकर पेश किया, जिससे सीबीआइ को आरोप साबित करने में मदद मिली। यासीन मलिक पर एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या करने के अलावा रुबिया सईद का अपहरण करने का भी आरोप है। इस मामले में भी जल्द जल्द बहस होगी। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के बाद 18 सितंबर 1990 को जम्मू की टाडा कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया था।

Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!