राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना किसानों के लिए वरदान

अकाल-सूखे और इससे उपजी तंगी से अक्सर जूझने वाले राजस्थान के किसान के लिए एक-एक रुपए की कीमत क्या होती है, ये तो इन हालात से गुजरने वाले ही जान सकते हैं। ऎसे ही कुछ हालात चूरू के खारिया कनीराम गांव के परमेश्वर लाल स्वामी के थे। दूसरी जिम्मेदारियों के साथ-साथ ग्राम सेवा सहकारी समिति, स्यानण से लिया गया कर्ज चुकाने की चिंता तो थी ही, साथ ही बेटी की शादी की तारीख भी नजदीक आने के कारण उसका तनाव बढ़ता ही जा रहा था। ऎसे में जब उसे राज्य सरकार की ओर से राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 की घोषणा के बारे में पता चला तो उसे थोड़ी राहत तो मिली, लेकिन साथ में यह अंदेशा भी बना रहा कि सारी योजनाएं सब लोगों तक कहां पहुंच पाती है तो हो सकता है कि वह छूट जाए। जब स्यानण ग्राम सेवा सहकारी समिति में लगे शिविर में उसे बुलाया गया और जिला प्रभारी मंत्रीजी डॉ सुभाष गर्ग ने उसे ऋण माफी प्रमाण पत्र सौंपा तो उसकी खुशी की सीमा नहीं रही। भावुक होते हुए उसने बताया कि अब अपनी बेटी की शादी में उसे काफी आसानी होगी और 45 हजार 525 रुपए की यह ऋण माफी उसके लिए काफी उपयोगी साबित होगी। परमेश्वर लाल अकेला किसान नहीं है, जिसकी जिंदगी को “राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019“ ने आसान करने का काम किया है। चूरू जिले के 63 हजार 158 किसानों को 175.91 करोड़ रुपए की ऋण माफी का लाभ मिल चुका है और किसानों की मुश्किलों में संपूर्ण कर्ज माफी की यह योजना काफी कारगर साबित हो रही है। परमेश्वर की ही तरह जिले की खंडवा ग्राम सेवा सहकारी समिति से जुड़े इंद्र चंद को योजना में 1 लाख 5 हजार 437 रुपए का सीधा लाभ मिला है। खंडवा के ही भंवर लाल का 81 हजार 850 रुपए, मंगलाराम का 48 हजार 237 रुपए कर्ज योजना के द्वारा माफ हुआ है।कर्ज माफी से लाभान्वित हो चुके गांव खींवासर के किसान रणवीर जाट बताते हैं कि पिछले काफी समय से अच्छी फसल नहीं होने से किसानों की हालत खराब थी। कर्ज माफी से किसानों को काफी हद तक राहत मिली है। वे कहते हैं कि जब उन्हें इस योजना में 35 हजार 289 रुपए का कर्ज माफी होने की सूचना मिली तो पूरे परिवार ने इस खुशी को महसूस किया। जयसंगसर के किसान भगवानाराम कहते हैं कि उसने 70 हजार रुपए का कर्ज ले रखा था और इसे चुकाने की कोई राह नजर नहीं आ रही थी। ऎसे में जब सरकार ने यह कर्जा माफ करने का फैसला लिया तो पहली बार लगा कि कोई मुख्यमंत्री इस तरह से भी किसान-कमेड़ों के हित में सोच सकता है। गांव शिमला के निर्धन परिवार से जुड़े भंवरू खां बताते हैं कि खेती-बाड़ी के जरिए मुश्किल से वे अपना जीवन यापन करते हैं। ऎसे में शिमला ग्राम सेवा सहकारी समिति से लिया गया एक लाख रुपए का कर्जा अब उनकी जान के लिए आफत बन गया था। पूरा परिवार चिंतित था कि कैसे अब यह कर्ज चुकेगा, लेकिन भला हो राज्य सरकार का जो ऋण माफी की यह योजना लेकर आई। भंवरू खां के पूरे एक लाख रुपए इस योजना में माफ हो चुके हैं। भीमसाना के लाभान्वित किसान रामनिवास कहते हैं कि इस प्रकार के निर्णयों से किसान का हौसला बनता है कि आखिर कोई उसके पक्ष में भी सोचने वाला है। खेती इतने घाटे का सौदा साबित हो रही है कि यदि किसान को सरकार का सहारा नहीं मिलेगा तो कोई व्यक्ति आखिर क्यों खेती करेगा। इस राज्य सरकार ने वह सहारा दिया है कि किसान निश्चिंत होकर खेत में हल चला सकता है। श्री संदेश नायक बताते हैं कि योजना में जिले के 79 हजार 304 किसानों के 231.06 रुपए माफ करने का लक्ष्य है जिसमें से 63 हजार 158 किसानों को 175.91 करोड़ रुपए की ऋण माफी का लाभ अब तक दिया जा चुका है। वे कहते हैं कि योजना का लाभ देने में पूरी पारदर्शिता बरती गई है और आधार सत्यापन के बाद ही ऋण माफ किया गया है। वे बताते हैं कि जिले में ऋण माफी से लाभान्वित किसानों को काफी राहत मिली है। बहरहाल, कहा जा सकता है कि यह योजना जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है और यहां की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार कृषि तथा कृषि कार्य में जुटे किसान परिवारों को इससे खासा संबल मिला है। यही वजह है कि लाभान्वित किसान राज्य सरकार के लिए इस योजना को लेकर साधुवाद व्यक्त करते नहीं अघाते।