संस्कृत शिक्षा व भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार संकल्पबद्ध

संस्कृत शिक्षा व भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार संकल्पबद्ध
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 संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि सरकार संस्कृत शिक्षा व भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के नीतिगत दस्तावेज जनघोषणा पत्र में संस्कृत शिक्षा व भाषा को प्रोत्साहन देने एवं वैदिक शिक्षा व संस्कार बोर्ड की स्थापना करना प्रस्तावित  है। श्री गर्ग ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए यह भी अवगत कराया कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालय नहीं खोला। इससे पहले विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि प्रदेश में संस्कृत शिक्षा विभाग के अधीन एक हजार 797 राजकीय एवं 496 अराजकीय विद्यालय अथवा महाविद्यालय संचालित है। उन्होंने जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा के महाविद्यालय या विद्यालय सामान्य शिक्षा की तुलना में कम है, किन्तु राज्य सरकार द्वारा संस्कृत का व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। सामान्य शिक्षा के मुकाबले संस्कृत विद्यालय खोलने एवं क्रमोन्नत करने के लिए प्रतिशत तय करने का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा के नवीन विद्यालय खोलने या महाविद्यालय खोले जाने एवं क्रमोन्नत किए जाने के लिए विभागीय नीति निर्धारित है।
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