नौकरियों में आरक्षण तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया गया

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा है कि प्रदेश में दिव्यांगजनों को अब 60 प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ऋण प्रदान किया जा रहा है एवं सरकारी नौकरियों के लिए उनका आरक्षण भी 3 प्रतिशत से बढ़ाकर जनवरी 2019 से 4 प्रतिशत कर दिया गया है। श्री मेघवाल बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सम्बन्धित पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पहले दिव्यांगजन को 23 प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ऋण प्रदान करने का प्रावधान था, लेकिन अब इन गतिविधियों की संख्या को 60 कर दिया गया है। प्रश्न पर हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने कहा कि अधिकार अधिनियम 2016 के नियम 2018 में बने और 2019 जनवरी में इसमें संशोधन किया गया। वर्ष 2016 से 2019 तक योजना में दिव्यांगजन को लाभ नहीं मिल सका है। इससे पहले विधायक श्री सुरेश टांक के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना के अतर्गत राज्य के ऎसे विशेष योग्यजन जो स्वयं का रोजगार प्रारम्भ करना चाहते हैं, को 5 लाख रुपये तक की ऋण राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही अधिकतम राशि 50,000 रुपये या ऋण का 50 प्रतिशत, दोनों में जो भी कम हो, अनुदान के रूप में स्वीकृत किया जा रहा है। उन्होंने योजना का विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की अधिसूचना का प्रकाशन 19 अप्रेल 2017 को होने के उपरान्त अधिनियम की धारा 101 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार नियम-2018 बनाए गए हैं। इसे राजस्थान राजपत्र में 24 जनवरी 2019 को प्रकाशित किया जा चुका है। राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार नियम-2018 के नियम 5 में विशेष योग्यजनों को सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है।