आदिवासी उत्थान के लिए स्वीकृत राशि का अधिकतम उपयोग

आदिवासी उत्थान के लिए स्वीकृत राशि का अधिकतम उपयोग
Spread the love
जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा है कि प्रदेश में आदिवासियों के उत्थान के लिए स्वीकृत राशि का लगभग पूर्ण उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संभागीय आयुक्त उदयपुर एवं जनजाति आयुक्त पद पर पृथक-पृथक अधिकारी लगाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। श्री बामनिया बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्हाेंने कहा कि केन्द्र सरकार से आदिवासी कल्याण के लिए अधिनियम की धारा 275 (1) के अन्तर्गत प्राप्त विशेष केन्द्रीय सहायता पीडी खाते मेंं जमा हो जाने के कारण लैप्स नहीं होती। आवश्यकतानुसार इस राशि से कार्य स्वीकृत किए जाते हैं। विभाग द्वारा अन्य विभागोें को काम की स्वीकृति के अनुसार राशि जारी की जाती है। प्रथम किश्त के रूप में 40 प्रतिशत राशि एवं फिर कार्य प्रगति एवं गुणवत्ता के आधार पर राशि जारी की जाती है। इसकी सेविंग पीडी खाते में जमा करा दी जाती है। सदस्यों द्वारा भारत सरकार से योजना में प्राप्त राशि एवं उपयोगिता प्रमाणपत्र की जानकारी मांगने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री से कहा कि केन्द्र सरकार से विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में प्राप्त हुई राशि और योजनान्तर्गत व्यय लेखों की पुनः जांच करावेें। इससे पहले विधायक श्री रामलाल मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में श्री बामनिया ने बताया कि आदिवासियों के उत्थान के लिए स्वीकृत राशि का लगभग पूर्ण उपयोग किया जा रहा है। राशि का उपयोग वास्तविक मांग, कायार्ें, योजना की प्रगति अनुसार किया जाता है। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत 2013-14 में 47828.92 लाख रुपये स्वीकृत हुए जिसमें 47308.76 लाख रुपये व्यय किए गए जो कुल स्वीकृत राशि का 98.91 प्रतिशत है। इसी प्रकार वर्ष 2014-15 में स्वीकृत राशि 43722.97 लाख रुपये एवं व्यय राशि 41581.82 लाख रुपये रही जो 95.10 प्रतिशत है। वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 53440.85, व्यय 51835.04 अर्थात 97.00 प्रतिशत, वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 51723.26, व्यय 6854.84 लाख रुपये अर्थात 90.59 प्रतिशत, वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 50281.72 लाख रुपये में से व्यय 49624.62 रुपये अर्थात 98.69 प्रतिशत, वर्ष 2018-19 में स्वीकृत राशि 55106.02 लाख रुपये में से व्यय 53793.79 लाख रुपये अर्थात उपयोग 97.62 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में कुल 11275.45 लाख रुपये योजना में स्वीकृत हुए जिसमें से 15 जून 2019 तक 5667.67 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं जो 50.27 प्रतिशत राशि है। श्री बामनिया ने वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि का मदवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में लेखा अनुदान पारित होने से आईएफएमएस पर स्वीकृत राशि 11275.45 लाख रुपये के विरूद्ध माह जून 2019 तक 5667.67 लाख रुपये व्यय किया गया है। उन्होंने व्यय राशि का मदवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि संभागीय आयुक्त, उदयपुर एवं जनजाति आयुक्त का एक ही पद होकर पदनाम संभागीय आयुक्त एवं  पदेन आयुक्त, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, उदयपुर है। समस्त कार्य यथा समय पूर्ण होते है। जनजाति आयुक्त के पद पर सरकार द्वारा समय-समय पर प्रशासनिक आधार पर अधिकारी लगाये जाते है। संभागीय आयुक्त एवं जनजाति आयुक्त पर पृथक अधिकारी लगाने का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन  नहीं है।
Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!