हस्तशिल्प और परंपरा को संजोने का माध्यम बनेगा तीज लहरियां उत्सव

औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों ने उद्योग विभाग के तीज लहरिया उत्सव के आयोजन को प्रदेश के हस्तशिल्प और परंपरा को संजोने की दिशा में सकारात्मक पहल बताया है वहीं उद्योग आयुक्त डॉॅ. कृृष्णाकांत पाठक ने बताया कि तीज लहरिया उत्सव में वस्त्रों की विकास यात्रा को भी प्रदर्शित किया जाएगा। आयुक्त डॉ. पाठक बुधवार को उद्योग भवन में तीज लहरिया उत्सव के आयोजन में सहभागिता बढ़ाने के लिए औद्योगिक संघों, कौशल विकास फैशन डिजाइनर संस्थानों और अन्य प्रमुख संस्थाओं के साथ बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि तीज सिंजारा उत्सव के अवसर पर जयपुरवासियों को परंपरा व आधुनिकता से रुबरु कराने के लिए तीज लहरिया उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने बड़े उद्योगाें से लेकर शिल्पियों, शिल्प गुरुओं, बुनकरों व दस्तकारों से सीधा संवाद कायम करने की पहल की है, वहीं नवाचारों को अपनाया है। डॉ. पाठक ने बताया कि लहरियां राजस्थानी परंपरा का प्रमुख परिधान है और तीज सिंजारा पर इसके खास महत्व को देखते हुए विभाग द्वारा लहरियां उत्पादकों और जयपुरवासियों को जोड़ने के कदम बढ़ाए हैं। राजस्थान खाद्य व्यापार संघ के अध्यक्ष श्री बाबू लाल गुप्ता ने उद्योग विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थानी परिधानों की समृृद्ध परंपरा रही है। उन्हाेंने बताया कि ओढ़णी, पीला, ओझरियां, पोमचा आदि आदि परंपरागत परिधान रहे हैं और आज भी इनकी विशिष्ठता और पहचान है। एमआईरोड़ व्यापार संघ के अध्यक्ष श्री सुरेश सैनी ने कहा कि राजस्थली को राजस्थानी हस्तशिल्प के केन्द्र के रुप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तीज लहरिया उत्सव में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए अधिक से अधिक जयपुरवासियों को लाभान्वित किया जएगा। उद्यम प्रोत्साहन संस्थान के एमडी श्री संजीव सक्सैना व ईडी श्री एसएस शाह ने तीज लहरियां उत्सव की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि पांच दिवसीय उत्सव अजमेरी गेट स्थित राजस्थली मॉल मेें आयोजित किया जाएगा। बैठक में महाप्रबंधक जयपुर उद्योग केन्द्र श्री डीडी मीणा व श्री सुभाष शर्मा, राजसिको के श्री दिनेश सेठी, आरएसडीसी के श्री नायाब खान, जिला उद्योग अधिकारी श्री त्रिलोक चंद एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।