19 लाख 76 हजार किसानों का 7 हजार 807 करोड़ रूपये का ऋण माफ

सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने बुधवार को राज्य विधानसभा में कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है और किसानों के हित में नए-नए कदम उठाकर उन्हें वास्तविक लाभ दिला रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सहकारी बैंको के पात्र किसानों का 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में बकाया अल्पकालीन फसली ऋण माफ कर दिया गया है। श्री आंजना सदन में पीएम किसान योजना, ऋण माफी, नए ऋण वितरण एवं फसल बीमा से सम्बन्धित वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार आने के बाद ऋण माफी के फैसले के तहत अब तक 19 लाख 76 हजार किसानों को 7 हजार 807 करोड़ रूपये की ऋण माफी का लाभ मिला है। इसकी सूची सार्वजनिक रूप से लोन वेवर पोर्टल पर उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि योजना में ऎसे पात्र किसानों को ऋण माफी का लाभ मिला है जिन्हें ऋण लेने की तिथि से एक वर्ष या 30 जून (जो भी पहले हो) तक ऋण चुकाना था। उन्होंने कहा कि पात्र किसानों को सरकार द्वारा 6 फरवरी को ऋण माफी योजना लागू करते ही उसी दिन से ऋण चुकाने से मुक्ति मिल गई और किसानों के खातों की ऋण राशि ड्यू डेट को सरकार के खाते लिखी गई। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के समय हुई ऋण माफी में कई अनियमितताएं सामने आईं है। आगे ऎसी स्थिति नहीं बने इसलिए ऋण माफी में बायोमैट्रिक सत्यापन लागू कर पात्र किसान को ऋण माफी का पूरा लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सहकारी बैंको के पात्र किसानों के फसली ऋण माफी के साथ-साथ कृषि ऋण भी माफ किए हैं। सरकार के इस निर्णय से अब तक 17 हजार 855 सीमांत एवं लघु किसानों की 1 लाख 10 हजार बीघा भूमि रहनमुक्त हो चुकी है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषक ऋण माफी के सम्बन्ध में जारी आदेश 19 दिसम्बर 2018 की क्रियान्विति के लिए केबिनेट द्वारा 29 दिसम्बर 2018 को किए गए निर्णय की पालनार्थ आदेश 1 जनवरी 2019 द्वारा एक उच्च स्तरीय अन्तर्विभागीय कमेेटी का गठन किया गया। इस समिति ने अनुशंषा की है कि राष्ट्रीयकृत बैंक, शेड्यूल्ड बैंक तथा आरआरबी से जुडे आर्थिक संकटग्रस्त कृषक जो अपना अल्पकालीन फसली ऋण नही चुका पा रहे हैं, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपये की सीमा तक का एनपीए के रूप में वर्गीकृत अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने के लिए बैंक से परामर्श कर वन टाईम सैटलमेन्ट स्कीम (ओटीएस) लायी जावे। समिति की अनुशंषा के निर्णय की क्रियान्विति हेतु समन्वय समिति का गठन भी किया गया है। समिति की सभी बैंकों के साथ मिटिंग हो चुकी है एवं मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने बताया कि योजना में ऎसे पात्र किसानों को ऋण माफी का लाभ मिला है जिन्हें ऋण लेने की तिथि से एक वर्ष या 30 जून (जो भी पहले हो) तक ऋण चुकाना था। उन्होंने कहा कि पात्र किसानों को सरकार द्वारा 6 फरवरी को ऋण माफी योजना लागू करते ही उसी दिन से ऋण चुकाने से मुक्ति मिल गई और किसानों के खातों की ऋण राशि ड्यू डेट को सरकार के खाते लिखी गई। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के समय हुई ऋण माफी में कई अनियमितताएं सामने आईं है। आगे ऎसी स्थिति नहीं बने इसलिए ऋण माफी में बायोमैट्रिक सत्यापन लागू कर पात्र किसान को ऋण माफी का पूरा लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सहकारी बैंको के पात्र किसानों के फसली ऋण माफी के साथ-साथ कृषि ऋण भी माफ किए हैं। सरकार के इस निर्णय से अब तक 17 हजार 855 सीमांत एवं लघु किसानों की 1 लाख 10 हजार बीघा भूमि रहनमुक्त हो चुकी है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषक ऋण माफी के सम्बन्ध में जारी आदेश 19 दिसम्बर 2018 की क्रियान्विति के लिए केबिनेट द्वारा 29 दिसम्बर 2018 को किए गए निर्णय की पालनार्थ आदेश 1 जनवरी 2019 द्वारा एक उच्च स्तरीय अन्तर्विभागीय कमेेटी का गठन किया गया। इस समिति ने अनुशंषा की है कि राष्ट्रीयकृत बैंक, शेड्यूल्ड बैंक तथा आरआरबी से जुडे आर्थिक संकटग्रस्त कृषक जो अपना अल्पकालीन फसली ऋण नही चुका पा रहे हैं, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपये की सीमा तक का एनपीए के रूप में वर्गीकृत अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने के लिए बैंक से परामर्श कर वन टाईम सैटलमेन्ट स्कीम (ओटीएस) लायी जावे। समिति की अनुशंषा के निर्णय की क्रियान्विति हेतु समन्वय समिति का गठन भी किया गया है। समिति की सभी बैंकों के साथ मिटिंग हो चुकी है एवं मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को पत्र भी लिखा है।