जावर माईन्स में स्थानीय लोगोें को नियुक्ति देने के प्रयास

जावर माईन्स में स्थानीय लोगोें को नियुक्ति देने के प्रयास
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खान मंत्री श्री प्रमोद भाया ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि जावर माईन्स (उदयपुर) में दस किलोमीटर परिधि क्षेत्र के स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। श्री भाया प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों को जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जावर माईन्स में वर्तमान में 6 हजार 689 कार्मिक नियुक्त है जिनमें से 4 हजार 493 कार्मिक आदिवासी है। उन्होंने बताया कि जो कार्मिक है उनमे 909 कार्मिक उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के नहीं है लेकिन उदयपुर जिले के है। इसी प्रकार 416 कार्मिक उदयपुर ग्रामीण एवं गिर्वा तहसील के नहीं है लेकिन उदयपुर जिले के है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि कुल नियुक्त कार्मिकों में 4 हजार 509 कार्मिक उदयुपर जिले के है इस प्रकार कुल 68 प्रतिशत कार्मिक स्थानीय है। उन्होंने बताया कि खनन पट्टा देने का अधिकार भारत सरकार का है और भारत सरकार के नियमों के तहत जावर माईन्स में स्थानीय आदिवासियों को ही नियुक्ति देने का प्रावधान है। उन्होंने आश्वस्त किया कि नियमों के अनुसार कार्मिक नियुक्त करने के प्रयास किए जाएंगे। इससे पहले विधायक श्री फूल सिंह मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में श्री भाया ने बताया कि वेदान्ता लिमिटेड की सहायक कम्पनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा जावर माईन्स संचालित की जा रही है। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड जावर माइन्स में स्थानीय व्यक्तियों को भी रोजगार दिया गया है। उन्होंने बताया कि माईन्स में कार्मिकों के नियोजन में खनिज रियायत नियम, 1960 के नियम 27(1)(पी)/ खनिज (परमाणु एवं हाइड्रोकार्बन्स उर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के नियम 12(1)(एल) के अन्तर्गत आदिवासी तथा खनन से विस्थापित को प्राथमिकता प्रदान की जाती है। जावर माईन्स में वर्ष 2014 से 2019 के दौरान कम्पनी एवं ठेकेदार के कुल 6 हजार 689 कार्मिको को नियुक्त किया गया जिसमें विधानसभा क्षेत्र उदयपुर ग्रामीण (तह0 गिर्वा एवं सराडा) क्षेत्र के 3 हजार 184 एवं 3 हजार 505 बाहरी हैं। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। सामान्यतया किसी भी पद के विरूद्ध भर्ती किसी भी नियोजक पद पर वांछित योग्यता/दक्षता रखने वाले व्यक्तियों में से चयन कर की जाती है एवं आदिवासी तथा खनन से प्रभावित को प्राथमिकता का प्रावधान उपर इंगित कर दिया गया है। श्री भाया ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टे प्रधान खनिजों के हैं जिनका विनियमन भारत सरकार द्वारा जारी किये गये नियमों के अन्तर्गत होता है।
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