स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पोषाहार वितरण का काम सुचारू से किया जाएगा

स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पोषाहार वितरण का काम सुचारू से किया जाएगा
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महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में बताया कि आने वाले समय में स्वयं सहायता समूह के लोगों को पूरा भरोसा दिलाया जाएगा और स्वयं सहायता समूह बनाकर पूरक पोषाहार वितरण का काम सुचारू रूप से किया जाएगा। श्रीमती ममता भूपेश ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि नागौर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई थी। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रथम रिपोर्ट में दोषी माना गया, उनको निलंबित किया गया व उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई। इसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के द्वारा की जा रही है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अपनी जांच पूरी कर जिन भी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अपना चार्ज फ्रेम करेगा। विभाग बिना कोताही बरते पूरी तरह से उस वसूली को पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि नागौर जिले में लगभग सभी परियोजनाओं के अंतर्गत पोषाहार सुचारू रूप से वितरित किया जा रहा है। मकराना के अंदर कुछ समस्या आ रही है। जब नागौर के अंदर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच की तो सभी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के अंदर एक भय व्याप्त हो गया। वहां पर एसएचजी नहीं बनने की वजह से कुछ स्थानों पर पोषाहार वितरण में समस्या आ रही है। यह समस्या नागौर जिले में तो आ रही है, इसके साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में भी यह समस्या आ रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग इस समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्वयं सहायता समूह बनाकर पोषाहार वितरण करें। पूरक पोषाहार का ढंग से वितरण करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार प्रयासरत है कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में गुड गवर्नेंस दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मकराना के अंदर लगभग 80 से 80 केंद्रों पर पिछले सालभर से पूरक पोषाहार का वितरित नहीं हो रहा है। यह सबके लिए चिंता का विषय है। विभाग प्रयासरत है कि वहां पर जल्द ही स्वयं सहायता समूह बने और पूरक पोषाहार का वितरण शुरू किया जाए।इससे पहले विधायक श्री रूपा राम के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि नागौर जिले में कुल 2873 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उक्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यतः 7 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 2018 में नागौर जिले की परियोजना डेगाना, परबतसर, मकराना शहरी, मकराना ग्रामीण कुचामनसिटी व रियाबड़ी के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई थी। जिसके आधार पर तत्कालीन उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, नागौर, बाल विकास परियोजना अधिकारी, डेगाना, बाल विकास परियोजना अधिकारी, कुचामन सिटी, बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय परबतसर के लिपिक, बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय डेगाना के कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं तीन अन्य प्राइवेट व्यक्तियों तथा अन्य के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 213/2018 दिनांक 29 जुलाई 2018 पंजीबद्ध की गई। उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण में तत्कालीन उप निदेशक, नागौर, तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी, डेगाना एवं तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी, कुचामनसिटी को निलम्बित किया जा चुका है। इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में जांच लम्बित है। उन्होंने नागौर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा संचालित योजनाओं में पिछले 3 वर्षों में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आवंटित धनराशि एवं खर्च हुई राशि का विवरण और लाभ प्राप्त करने वालों की संख्या की सूची सदन के पटल पर रखी।
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