राजस्थान वित्त निगम की 65वीं साधारण सभा की बैठक आयोजित

राजस्थान वित्त निगम की 65वीं साधारण सभा की बैठक आयोजित
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अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं राजस्थान वित्त निगम के चैयरमेन श्री निरंजन आर्य ने कहा है कि निगम को और अधिक मुनाफे के लिए वार्षिक कार्य योजना बनाकर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी संवेदनशील रहकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि निगम के मुनाफे को कैसे दो गुना या तीन गुना तक बढ़ाया जाये इसके लिए क्वालिटी लोन व रिकवरी, ऑडिट कार्य समय-समय पर करवाने के साथ वर्ष भर सभी को मेहनत से कार्य करने की आवश्यकता है। राजस्थान वित्त निगम के अध्यक्ष श्री निरंजन आर्य मंगलवार को उद्योग भवन में राजस्थान वित्त निगम के सभागार में निगम की 65वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी निगम को लाभ पहुंचाने के लिए लगन व मेहनत से कार्य करे ताकि  निगम को और अधिक मुनाफे की ओर आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि निगम  की समय-समय पर ऑडिट होने के साथ राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं  का लाभ हर संभव पात्र लाभार्थी को दिलवाने का प्रयास किया जाए ताकि प्रदेश में औद्योगिक विकास को ओर अधिक गति मिल सके।
उन्होंने बताया कि राजस्थान वित्त निगम ने वर्ष 2018-19 के दौरान अपनी तीनों मुख्य गतिविधियों यथा ऋण स्वीकृति, ऋण वितरण एवं ऋण वसूली  में निर्धारित लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां हासिल कर कीर्तिमान स्थापित करते हुए 10.39 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो कि वर्ष 2017-18 की तुलना में 2.40 करोड़ रुपये अधिक है।  श्री आर्य ने बताया कि वर्ष 2018-19 में 300 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति के लक्ष्य के मुकाबले निगम ने 314.89 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किये, जो कि लक्ष्य का 104.06 प्रतिशत है। वहीं 260 करोड़ रुपये के निर्धारित ऋण वितरण के लक्ष्य के मुकाबले कुल 264.11 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये, जो कि लक्ष्य का 101.58 प्रतिशत है। इसी प्रकार ऋण वसूली के 250 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 270.46 करोड़ रुपये की वसूली की गई, जो कि लक्ष्य का 108.18 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि निगम ने वर्ष 2018-19 में ’’एकमुश्त निपटारा योजना’’ के अंतर्गत 117 इकाईयों का एकमुश्त निपटारा किया, जिसके परिणामस्वरूप निगम का एन.पी.ए. 223.15 करोड़ रूपये मे से 201.48 करोड़ रूपये रह गया है। इस प्रकार निगम अपने अथक प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2018-19 के एन.पी.ए. को 21.33 करोड़ से घटाने में सफल हुआ। वार्षिक साधारण सभा की बैठक में प्रबंध निदेशक श्रीमती उर्मिला राजोरिया ने बताया कि निगम के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की कड़ी मेहनत व लगन से कार्य करने की मंशा से ही निगम ने वर्ष 2018-19 में 10.39 करोड़ रुपये की राशि का शुद्ध लाभांश अर्जित किया हेै। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बंद पड़ी इकाईयों को सफलता पूर्वक पुनर्जीवित करने के साथ निगम की एक मुश्त निपटारा योजना, उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के तहत निगम को अच्छे परिणाम प्राप्त हुए है तथा राज्य सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना बनाकर औद्योगिक विकास की गति को और आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान वित्त निगम ने बन्द पड़ी 15 इकाईयों में से 10 इकाईयों को उनके मूल प्रवर्तकों को सौंपा तथा अन्य 5 इकाईयों के प्रबन्ध में बदलाव करके कर उन्हें सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया। उन्होंने बताया कि निगम ने अपने मूल उद्वेश्य को मद्देनजर रखते हुए इस वर्ष में 485 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एम.एस.एम.ई.), जिसमें मुख्यतः पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयां करने के लिए उक्त ऋण स्वीकृति की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में युवाओं को उद्यम स्थापित करने हेेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से निगम ने अपनी ’’युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना’’ के अंतर्गत वर्ष 2018-19  में कुल 81 युवा उद्यमियों को 91.17 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई। इस योजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने हेतु ब्याज दर में 6 प्रतिशत अनुदान राशि (सबवेन्शन) उपलब्ध कराई जाती है।
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