मदरसों में मांग आने पर कम्प्यूटर उपलब्ध कराये जायेंगे -अल्पसंख्यक मामलात मंत्री

अल्संख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि मदरसों में कम्प्यूटर लगाने की मांग आने पर वहां शीघ्र कम्प्यूटर उपलब्ध कराए जाएंगे। श्री मोहम्मद प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उनहोंने बताया कि मकराना विधानसभा क्षेत्र मे संचालित मदरसों में कक्षा 6 से 8 वीं तक बच्चों के लिए कम्प्यूटर उपलब्ध करा रखे है, फिर भी यदि कोई जिला अधिकारी कम्प्यूटर की मांग करता है तो उनको आवश्यकातानुसार उपलब्ध करवाये जाते हैं। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त किया कि यदि इस सम्बन्ध में मांग आने पर तथा ध्यान में लाये जाने पर कम्प्यूटर की जरूर व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि नागौर जिले मेें संचालित सभी मदरसों में बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था है, फिर भी यदि किसी मदरसों में आरओ लगाने की मांग आयेगी या सदस्यों के सुझाव आयेंगे तो जरूर आरओ उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इससे पहले विधायक श्री रूपा राम के मूल प्रश्न के जवाब में श्री मोहम्मद ने बताया कि नागौर जिले में कुल 261 मदरसे पंजीकृत है। उन्होंने इनका विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि अपंजीकृत मदरसों का रिकॉर्ड मदरसा बोर्ड में संधारित नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन 261 पंजीकृत मदरसों में कुल 15257 छात्र-छात्रा कक्षा एक से 8वीं तक अध्यनरत है। उन्होंने कक्षावार सूचना सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत मदरसों में अध्यनरत छात्रों के अनुपात में मदरसा शिक्षा सहयोगियों की संख्या निर्धारित की गई है। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बताया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड की ओर से 10 से 35 विद्यार्थियों पर उर्दू शिक्षा के लिए एक उर्दू शिक्षा सहयोगी, 36 से 70 विद्यार्थियों पर उर्दू शिक्षा के लिए 2 उर्दू शिक्षा सहयोगी, 71 से 105 विद्यार्थियों पर उर्दू शिक्षा के लिए 3 उर्दू शिक्षा सहयोगी, 106 से 150 विद्यार्थियों पर उर्दू शिक्षा के लिए 4 उर्दू शिक्षा सहयोगी, 151 से 200 विद्यार्थियों पर उर्दू शिक्षा के लिए 5 उर्दू शिक्षा सहयोगी तथा 201 से अधिक विद्यार्थियों पर उर्दू शिक्षा के लिए 6 उर्दू शिक्षा सहयोगी लगाये जाते है। उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 8 तक कम्प्यूटर शिक्षा देने हेतु एक कम्प्यूटर शिक्षा सहयोगी उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त मदरसे में अधिकतम शिक्षा सहयोगियों की संख्या 6 होगी। उन्होंने मकराना में कार्यरत मदरसा शिक्षा सहयोगियों की मदरसावार सूचना सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में वर्तमान में आदर्श मदरसा योजना के अन्तर्गत मदरसों में स्मार्ट क्लास रूम सूचना प्रौधोगिकी विभाग द्वारा स्थापित किये जा रहे है। इसी प्रकार मदरसा आधुनिकरण योजना के अन्तर्गत शिक्षण सामग्री, स्कूल बैग्स, अभ्यास पुस्तिकाएं, पैराटीचर स्टाफ के लिए फर्नीचर, बच्चों के लिए डयूल डेस्क एवं बैंच, खेल सामग्री व कम्प्यूटर्स इत्यादि सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मदरसों में शिक्षा सहयोगी या पैराटीचर स्तर के अध्यापक लगे हुए है। उन्होंने बताया कि नागौर जिले के 213 मदरसे स्वयं के भवन में संचालित है तथा 48 मदरसे ऎसे है जो मस्जिद के भवन में अथवा किराये के भवन में संचालित है। उन्होंने विवरण सदन के पटल पर रखा। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बताया कि भवन रहित मदरसों हेतु केन्द्र सरकार की आईडीएमआई (अल्पसंख्यक संस्थाओं में अवसंरचना विकास) योजनान्तर्गत अल्पसंख्यक संस्थाओं को आधारभूत संरचना निर्माण हेतु अनुदान दिए जाने के प्रावधान है और योजनान्तर्गत प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भिजवाये जाते है।