ग्रामीण परिवहन सेवा जल्द शुरू की जाएगी – परिवहन मंत्री

परिवहन मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि प्रदेश में ग्रामीण परिवहन सेवा जल्द शुरू की जाएगी। श्री खाचरियावास प्रश्नकाल में इस सम्बन्ध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि 2017 मंत पूर्ववर्ती सरकार ने ग्रामीण बस सेवा ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भी बंद कर दी थी। इससे ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में सरकार ने तैयारी शुरू कर एक कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने पर प्रदेश में जल्द ही ग्रामीण परिवहन सेवा शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि इसके बाद राजस्थान का कोई भी गांव ग्रामीण परिवहन सेवा से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिस भी क्षेत्र में राजस्थान राज्य परिवहन निगम की बसें ड्राइवर-कंडक्टर की रिपोर्ट पर राजस्व आधार पर बंद की गई हैं, यदि जन प्रतिनिधि उनकी सूची उपलब्ध कराते हैं तो वहां भी बस सेवाएं वापस शुरू करवाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में लगभग 553 बसें गुजर रही हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के जिन 25 गांवों में बसें नहीं जा रही उनकी सूची उपलब्ध करवाए जाने पर वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी। इससे पहले विधायक श्री सुरेश टाक के मूल प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से वर्तमान में कुल 8 हजार 952 पंचायतें जुड़ी हुई हैं तथा 940 पंचायतें वंचित हैं। उन्होंने संभागानुसार सार्वजनिक बस परिवहन से जुड़ी हुई एवं वचित पंचायतों का विवरण सदन की मेज पर रखा। श्री खाचरियावास ने बताया कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त रूप से सार्वजनिक परिवहन सेवा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यथासम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अन्तर्गत पूर्व में संचालित ग्रामीण परिवहन सेवा के पुनः क्रियान्वयन के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उन्होंने पथ परिवहन निगम की विगत 5 वर्षों की वित्तीय स्थिति एवं प्रतिवर्ष सरकार द्वारा दिऎ जा रहे अनुदान का विवरण भी सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के सीमित संसाधनों के कारण विधानसभा क्षेत्र किशनगढ़ में संचालित निगम वाहनों के अतिरिक्त वाहन संचालित किया जाना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।