अलवर मॉब लिंचिंग के विरोध में प्रदर्शन

अलवर के टपूकडा में भीड की हिंसा के शिकार हरीश जाटव के पिता रत्तिराम जाटव की आत्महत्या के तीसरे दिन आखिर शव का पोस्टमार्टम हो गया। जिला कलक्टर ने सीधे पीड़ित परिवार तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश पहुचाया और मौखिक समझौते के तहत ही धरना समाप्त करवा दिया।
इस मामले में पीड़ित परिवार और दलित समाज लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने, आरोपितों को गिरफतार करने, हरीश की पत्नी को सरकारी नौकरी देने और पांच लाख रुपये मुआवजा देने की मांग कर रहा था। इसे लेकर शुक्रवार से ही धरना चल रहा था और गतिरोध बना हुआ था।
मीडिया से बातचीत में जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सरकार तक उनकी मांग को पहुंचाने और मामले की उच्च स्तरीय जांच का आश्वसन दिया गया है, हालांकि प्रशासन ने कोई लिखित समझौता नहीं किया है। प्रशासन पीड़ित परिवार को निजी कंपनी में नौकरी और सामाजिक संबल देने के लिए अपने स्तर पर सहयोग करेगा।
उल्लेखनीय है कि टपूकड़ा इलाके के झीवाना गांव निवासी रत्तिराम जाटव ने बेटे हरीश की उन्मादी भीड़ की हिंसा में मौत के बाद मामले में न्याय नहीं मिलने और पुलिस की कार्यशैली से परेशान होकर गत गुरुवार को आत्महत्या कर ली थी। इस पर पीड़ित परिवार और दलित समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर टपूकड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर धरना दे रहे थे।