पहलू खान मामले में वसुंधरा सरकार की भूमिका की जांच कराएगी गहलोत सरकार

पहलू खान उन्मादी हिंसा (मॉब लिंचिंग) मामले को लेकर राजस्थान में राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान प्रकरण के आरोपितों के अलवर एडीजे कोर्ट से बरी होने के लिए तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पिछली सरकार की लापरवाही के कारण आरोपित बरी हो गए। गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में वसुंधरा राजे सरकार की भूमिका की जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि तब सरकार ने अपनी मर्जी से जांच कराने के लिए चार जांच अधिकारी बदले, जांच में कमियां रखी गईं, जिसके कारण आरोपित बरी हो गए।
गहलोत ने कहा कि कोर्ट में पिछली सरकार में पहलू खान मामले को लेकर चालान पेश हो गया था। इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, लेकिन पिछली सरकार ने आरोपितों की ना तो शिनाख्त कराई थी और ना ही वो मोबाइल जब्त किया था, जिसमें पहलू खान के साथ मारपीट की रिकॉर्डिंग हुई थी।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने “दैनिक जागरण” से बातचीत में कहा कि सरकार वर्ग विशेष के लिए काम कर रही है। गहलोत सरकार एक तरफ तो मॉब लिंचिंग के लिए कानून बना रही है। पहलू खान मामले की दोबारा जांच करा रही है। वहीं, दूसरी तरफ अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में एक्शन नहीं ले रही है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कांग्रेस के नेताओं और सरकार के दिमाग में वोट और जातियां भरी हुई है। अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में दूसरा पक्ष मेव समाज था, इसलिए गहलोत सरकार इसे मॉब लिंचिंग नहीं मान रही। लेकिन पहलू खान मामले में सामने वाला हिंदू है,इस वजह से मॉब लिंचिंग हो गई। कांग्रेस की यह हालत मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण ही हुई है।