रेलकर्मियो में कोरोना पॉजिटिव की संख्या हुई 42 के पार, रेल कर्मचारियों का निजी अस्पताल में हो जांच व इलाज: पाल

वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉयीज यूनियन, अहमदाबाद मण्डल* ने रेल कर्मचारियों, निवृत रेलकर्मियो और उनके परिवारजनों को कोरोना संक्रमण की जांच और इलाज के लिए निजी अस्पतालों की सुविधा प्राप्त कराने हेतु अहमदाबाद मंडल के *DRM दीपक कुमार झा* से पत्र लिखकर मांग की है। जैसा कि पहले भी कई बार *वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉयीज यूनियन* अपने कर्मचारियों के प्रति जागरूकता दिखाकर सरकार से अलग उपचार के लिए अस्पतालों की मांग करता रहा है। फिलहाल *अभी तक 07 रेल कर्मचारियो व उनके परिजनों की इस कोरोना वायरस के कारण मोत हो चुकी है*।
रेलकर्मियो व उनके परिजनों की कोरोना पॉजिटिव की संख्या हुई 40 के पार.. : संजय सूर्यबली
वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉयीज यूनियन, अहमदाबाद मंडल के मंडल मंत्री *साथी एच.एस. पाल* ने अहमदाबाद के *DRM दीपक कुमार झा* को पत्र लिखकर ये बताया कि विश्व में कोरोना संक्रमण की महामारी से लोग त्राहिमाम पुकार रहे है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी, सभी कर्मचारी अपनी हिफाजत के लिए सरकार से निजी अस्पताल में इलाज की मांग कर रहे है। लेकिन सभी कर्मचारियों में भारतीय रेलवे एक ऐसा सेक्टर है जो सरकार के लिए रीढ़ की हड्डी के समान और आत्मनिर्भर है।
अभी तक तमाम सेक्टर के कर्मचारी अपनी जीवन की सुरक्षा करने हेतु घरों से नही निकल रहे लेकिन रेलवे के इन कर्मचारियों ने कोरोना वॉरियर्स बनकर लगभग 6 लाख से अधिक प्रवासी मजूरों को उनके प्रदेश भेजकर अपनी कार्य का एक जीता जागता उदाहरण दिया, जिससे पता चलता है कि अपने परिवार की चिंता करे बिना सरकार के आदर्शों पर चलकर ये रेल कर्मी लोगों की सुरक्षा कर रहे जिससे मेरा सरकार से निवेदन है कि इन रेलकर्मियो को कोरोना जैसी बीमारी के लिए एक अलग निजी अस्पताल मुहिया कराया जाये जिससे इनका इलाज अच्छी तरह हो सके और ये रेल कर्मी वापस देश की सेवा में काम आ सके। वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉयीज यूनियन प्रचार-प्रसार मंत्री साथी संजय सूर्यबली* ने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच रेलकर्मी ने दिनरात काम कर एक मिशाल कायम की।
चाहे वो खाने पीने का सामान, दूध, फल, शब्जी, तेल, डीज़ल, पेट्रोल, या और भी कई तरह का माल सामान को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक लेजाने में रेल कर्मी कोरोना वॉरियर्स बनकर सामने आया है। रेलवे विभाग के कर्मचारी, रेल प्रशासन से इतनी अपेक्षा रखते है कि अहमदाबाद में अब तक कोरोना संक्रमण के फैलाव की गति को देखते हुए रेल कर्मियों, उनके परिजनों और निवृत रेल कर्मियों व उनके परिवार को कोरोना संक्रमण के इलाज हेतु निजी अस्पतालों को अनुबंधित किया जाना जरूरी हो गया है जिससे वो जल्द स्वस्थ होकर, फिर से भारतीय रेल में अपनी भूमिका निभा शके। अब देखना ये है कि अहमदाबाद के DRM दीपक कुमार झा इन रेलकर्मियो की वेदना सुनेंगे की फिर इसी तरह रेलकर्मी अपने परिजनों के सदस्यों को खोते रहेंगे..!?
रविन्द्र भदौरिया (गांधीनगर)