नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव शीघ्र – सहकारिता मंत्री

सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल अंजना ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि जिन नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों में चुनाव नहीं हुए है उन समितियों में अब शीघ्र चुनाव करवाए जाएंगे। श्री अंजना प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सही है कि नवगठित सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में तीन माह में चुनाव होने थे। लेकिन लोकसभा आम चुनाव के दौरान आचार संहिता लगने के कारण यह चुनाव नहीं करवाये जा सके। उन्होंने कहा कि सहकारी समिति दूदू के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि यदि अन्य कोई शिकायत प्राप्त होगी तो उसकी विस्तृत जांच करवाई जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि यदि जांच अधिकारी को कोई रिपोर्ट और जानकारी उपलब्ध नहीं कराने की शिकायत प्रात होगी तो नियमों के अन्तर्गत सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी।इससे पहले विधायक श्री बाबू लाल नागर के मूल प्रश्न के जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा निर्धारित मानदण्ड के अनुसार नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समिति के 500 सदस्य, 5.00 लाख रुपये हिस्सा राशि एवं 1.00 लाख रुपये अमानत राशि तथा अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में अमानत राशि 75000 रुपये होना आवश्यक है। उन्होंने इसकी प्रति सदन के पटल पर रखी। श्री अंजना ने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 15(1)(क), राजस्थान सहकारी सोसाइटी नियम, 2003 के नियम 34(2)(॥) तथा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के लिए बने हुए आदर्श उपनियम संख्या1 5(1)(क) में उल्लेखित सदस्यों के लिए जो योग्याताऎं निर्धारित हैं, वही ग्राम सेवा सहकारी समिति के नवगठन हेतु मनोनीत तथा बाद में निर्वाचित पदाधिकारियों की योग्यताऎं होती हैं। उन्होंने योग्यताओं के विवरण सदन के मेज पर रखा। सहकारिता मंत्री ने बताया कि नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के संचालक मण्डल का कार्यकाल रजिस्ट्रीकरण की तारीख से केवल तीन महीने के लिए होता है। तीन महीने की कालावधि के भीतर-भीतर नवीन संचालक मण्डल का चुनाव होते ही पूर्व में गठित संचालक मण्डल कार्य करना बन्द कर देगा। राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 27(1) के अनुसार ऎसे व्यक्ति, जिन्होंने सोसाइटी का रजिस्ट्रीकरण करने के आवेदन पर हस्ताक्षर किये हैं, सोसाइटी के कार्यकलापों के संचालन के लिए रजिस्ट्रीकरण की तारीख से तीन मास की कालावधि के लिए कोई समिति नियुक्त कर सकेंगे, किन्तु इस परन्तुक के अधीन नियुक्त समिति, ऎसी किसी नई समिति, जिसका गठन उपविधियों के अनुसार तीन मास की उक्त कालावधि के भीतर-भीतर किया जाएगा, के गठन के कृत्य करना बन्द कर देगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र दूदू के अन्ततर्गत दो ग्राम सेवा सहकारी समितियों के विरूद्ध जांच विचाराधीन है। उन्होंने महला ग्राम सेवा सहकारी समिति के विरुद्ध प्राप्त शिकायत एवं जांच की प्रति एवं दांतरी ग्राम सेवा सहकारी समिति के विरुद्ध प्राप्तं शिकायत एवं जांच की प्रति सदन के पटल पर रखी। श्री अंजना ने बताया कि दूदू विधान सभा क्षेत्र में राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 107 के अन्तर्गत महला ग्राम सेवा सहकारी समिति की धारा 55 की जांच आदेश के विरुद्ध स्थगन आदेश जारी है। उन्होंने कहा कि स्थगन जारी करना न्यायालय का क्षेत्रधिकार है, जिस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है।