आरक्षण पर बोले JDU नेता- जब नीयत ही साफ नहीं है तो चर्चा बंद कीजिए

पटना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासी बयानबाजी जारी है। बीजेपी के विरोधी दलों के साथ अब सहयोगी दलों ने भी संघ प्रमुख को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। जेडीयू के नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने आरएसएस की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस संगठन के लोग आरक्षण की बात करते हैं, वे पहले यह बताएं कि उसमें कितने लोग आरक्षित हैं? जब नीयत ही साफ नहीं है तो इस पर चर्चा बंद कीजिए। जेडीयू नेता और बिहार के मंत्री ने आरएसएस के लोगों को आरक्षण पर चर्चा बंद करने की नसीहत देते हुए कहा कि आरक्षण पर जब भी चर्चा की बात होती है देश का दलित शंका में आ जाता है। इसलिए इस पर लोगों को किसी भी तरह की चर्चा बंद कर देनी चाहिए। श्याम रजक ने सवाल उठाते हुए कहा कि आरक्षण दलितों के लिए था, लेकिन फायदा किन्हें मिल रहा है? श्याम रजक ने कहा कि जो संगठन के लोग आरक्षण की बात करते हैं, उस संगठन में कितने लोग आरक्षित (वर्ग से) हैं? यह भी तो साफ़ कीजिए। जब नीयत ही साफ नहीं है तो इस तरह की चर्चा बंद कीजिए। श्याम रजक के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि आरएसएस को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। बीजेपी नेता और विधायक नितिन नवीन ने कहा कि आरएसएस देश के विकास के लिए समाज के हर वर्ग की ख़ुशी के लिए काम करता है। इसलिए उसके बारे में कोई कुछ भी बोले कोई फर्क नहीं पड़ता है। कोई क्या बोलता है, इससे कोई मतलब नहीं।